DR DEEPTI GAUR

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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता - ग़ज़ल कर दो जरा इजहार 19-Sep-2022

#हिन्दी दिवस प्रतियोगिता

कर दो जरा इजहार



अंगूर- सी आंखों की तिलिस्मात क्या कहें l

हम इनमें डूब जाएंगे हालात क्या कहें l


पल-पल हमारे दिल को सताते हो किसलिए,

कर दो जरा इज़हार तो जज्बात क्या करें l


आंखों के सुरमे की नमी का राज है हंसी ,

पलकों में  छिपे आंसू तो बरसात क्या कहें l


अब तक न बनाया है मुझे तुमने हमसफर,

आंखों में बसा लो तो हंसी रात क्या कहें l


जुल्फों की अदा गिरने- संभलने की खूब है,

करता कोई तारीफ खयालात क्या कहें l


यादों की कसक होगी नहीं होंगे हम अगर

हो साथ ‘दीप’ का तो करामात क्या कहें ल


-:रचनाकार:-

डॉ. दीप्ति गौड़ 

ग्वालियर मध्यप्रदेश

(वर्ल्ड रिकॉर्ड पार्टिसिपेंट)

सर्वांगीण दक्षता हेतु राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली की ओर से भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्मृति स्वर्ण पदक, विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित ।


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3 Comments

Wahhhh बहुत ही खूबसूरत रचना और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ,,,, क्या कहने जी,,, मजा आ गया,,,

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Achha likha hai

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Reena yadav

19-Sep-2022 05:50 AM

👍👍

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